विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण

विशेषण की परिभाषा और भेद

हिन्दी व्याकरण का अध्याय विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण, Visheshn in Hindi, विशेषण के भेद / विशेषण के प्रकार, विशेषण के उदाहरण

विशेषण का अर्थ

विशेषता बताना।

विशेषण की परिभाषा  

जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते है, उन्हें विशेषण कहते हैं। जैसे-

  1.  सुंदर बालक पढ़ रहे है।
  2.  मोहन अच्छा लड़का है।
  3.  वह सुंदर है।
  4.  सुंदर घोड़ा दौड़ रहा है।

उद्देश्य विशेषण की परिभाषा 

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम के पहले लगकर उसकी विशेषता बताते है, उद्देश्य विशेषण कहलाते है। जैसे-

  1.  सफेद गाय का दूध मीठा होता है।
  2.  ईमानदार लड़के पढ़ रहे है।
  3.  काला घोड़ा दौड़ रहा है।

विधेय विशेषण

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम के बाद में लगकर उसकी विशेषता बताते है, उन्हे विधेय विशेषण कहा जाता है। जैसे-

(i) लड़का चतुर है।

(ii) गाय सफेद है।

(iii) मोहन ईमानदार है।

(iv) सुरेश सुंदर है।

पर विशेषण

जो शब्द विशेषण की भी विशेषता बताते है, उन्हें पर विशेषण कहते है। जैसे-

  1. सुरेश बहुत अच्छा है।
  2. शीला बहुत पतली है।
  3. कोमल बहुत अच्छा नाचती है।

विशेष्य

विशेषण जिनकी विशेषता बताते है अर्थात संज्ञा व सर्वनाम को ही विशेषण कहा जाता है।

विशेषण के भेद 

हिन्दी भाषा में विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते है।

1. गुणवाचक विशेषण की परिभाषा 

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की गुण, रूप, रंग, आकार, दशा, अवस्था, अवस्था-काल, स्वाद, स्पर्श तथा स्थान संबंधित विशेषता बताते है, उन्हे गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे-

  1. बराक ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे।
  2. आसमान का रंग नीला है।
  3. लड़का ईमानदार है।
  4. यह कमरा छोटा है।
  5. गरीब आदमी को मत सताओ।
  6. बूढ़ा आदमी चिला रहा था।
  7. नवीन पुस्तक पढ़नी चाहिये।
  8. सेब मीठा है।
  9. त्वचा मुलायम है।
  10. बीकानेरी भुजिया।

2. संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा 

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की संख्या संबंधी विशेषता बताते है, उन्हे संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे-

(i) कक्षा में तीस छात्र बैठे है।

(ii) बस 54 सीट की है।

संख्यावाचक विशेषण के भेद

(i) निश्चित संख्या वाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की निश्चित संख्या संबंधी विशेषता बताते है, उन्हे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे-

(i) गणना वाचक – एक, दो, तीन, चार

(ii) क्रम वाचक – पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा

(iii) आवृति वाचक – एक गुना, दो गुना, तीन गुना, चार गुना

(iv) समुदाय वाचक – दोनों, तीनों, चारों

(क) मैदान में चार खिलाड़ी खेल रहे है।

(ख) भारतीय टीम सीरीज का तीसरा मैच हार गयी।

(ग) मोहन के दोनों बच्चे होशियार है।

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की अनिश्चित संख्या संबंधी विशेषता बताते है, उन्हे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे- बहुत कम, ज्यादा, अधिक, कई, अल्प, न्यून आदि।

(क) गुरुजी ने बहुत बच्चों को पढ़ाया।

(ख) मोहन ने ज्यादा पेन खरीदे।

3. परिमाणवाचक विशेषण की परिभाषा 

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की परिमाण (नाप/ तौल/ मात्रा/ वजन) संबंधी विशेषता बताते है, उन्हे परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे- सुरेश ने 10 टन लोहा बेचा।

परिमाणवाचक विशेषण दो प्रकार का होता है-

(i) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की निश्चित परिमाण संबंधी विशेषता बताते है, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है। जैसे- 5 किलोग्राम चीनी, दो गज जमीन, 7 मीटर कपड़ा, 10 क्विंटल गेंहू, 3 लीटर दूध आदि।

(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण 

जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की अनिश्चित परिमाण संबंधी विशेषता बताते है, वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है। जैसे- बहुत, कम, ज्यादा, थोड़ा, न्यून आदि।

उदाहरण- थोड़ा दूध, ज्यादा पानी, कम चाय, अधिक चीनी आदि।

Note-1

यदि कोई निश्चित और अनिश्चित शब्द वाक्य मे जिस संज्ञा के साथ प्रयुक्त होता है, उस संज्ञा को गिन जय सके तो वह संख्यावाचक विशेषण मन जाता है। यदि उस संज्ञा को तौला जा सके तो वह परिमाण वाचक विशेषण माना जाता है। जैसे-

(i) गुरुजी ने तीस बच्चों को पढ़ाया। (निश्चित संख्यावाचक विशेषण)

(ii) गुरुजी ने बहुत बच्चों को पढ़ाया। (अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण)

(iii) राम ने पाँच क्विंटल गेंहू बेचा। (निश्चित परिमाणवाचक विशेषण)

(iv) राम ने बहुत गेंहू बेचा। (अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण)

Note-2

बहुत कम, ज्यादा, अधिक, अल्प, न्यून, थोड़ा आदि शब्द जब संज्ञा के साथ लगकर उसकी विशेषता बताते है तभी विशेषण माने जाते हैं अन्यथा ये सभी शब्द वाक्य में क्रिया के साथ लगकर उसकी विशेषता बताते है, तो क्रिया-विशेषण अव्यय बन जाते है। जैसे-

(i) राकेश ने बहुत दूध पिया। (विशेषण)

(ii) राकेश ने बहुत खाया। (क्रिया विशेषण)

4. सार्वनामिक विशेषण / संकेतवाचक विशेषण की परिभाषा 

जो शब्द सर्वनाम शब्दों से बने हुए होते है तथा वाक्य मे किसी अन्य संज्ञा के साथ लगकर उसकी विशेषता बताते है या संज्ञा की ओर संकेत करते है, उन्हे सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे-

(i) इस गेंद को इधर फेंको।

(ii) उस बच्चे को जाने दो।

(iii) यह गाड़ी रमेश की है।

(iv) यह घोड़ा किशन का है।

(v) वह खंभा गिर गया।

सार्वनामिक विशेषण चार प्रकार की होते है- निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक तथा प्रश्नवाचक।

विशेषण की परिभाषा और भेद
विशेषण की परिभाषा और भेद

(i) निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा 

जिसमे निश्चितता का बोध होता है, वह निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण होता है। जैसे-

(क) यह पेन राकेश का है।

(ख) यह घोड़ा मधु का है।

(ii) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

जिसमें निश्चितता का बोध नहीं होता है, वह अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण होता है। जैसे- कोई आदमी आ रहा है।

(iii) संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण

दो वाक्यों मे जब संबंधता का बोध होता है, वहा संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण होता है। जैसे- जो लड़का कल बाजार में घूम रहा था। वह लड़का आज पढ़ रहा है।

(iv) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा 

जिस विशेषण वाक्य में प्रश्न पूछा जाता है, वह प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण होता है। जैसे- आज कौनसा विद्यार्थी अनुपस्थित है?

विशेषण के अन्य भेद

(i) व्यक्तिवाचक विशेषण

जो शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञाओं से बने होते है तथा वाक्य में किसी संज्ञा के साथ लगकर उसकी विशेषता बताते है, उन्हे व्यक्तिवाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे- जयपुरी राजाई, बिकानेरी भुजिया, जोधपुरी जूतियाँ, कश्मीरी सेब, बनारसी साड़ी आदि।

Note

व्यक्तिवाचक विशेषण को गुणवाचक विशेषण में शामिल कर दिया गया है।

(ii) भिन्नतावाचक/ विभाग वाचक विशेषण

जो शब्द वाक्य में संज्ञाओं की भिन्नताओं का बोध कराते है, उन्हे भिन्नता वाचक विशेषण कहते है। जैसे- प्रत्येक, हरेक, हर आदि।

(क) प्रत्येक विद्यार्थी को सत्य बोलना चाहिये।

(ख) देश का हर नागरिक ईमानदार बने।

(ग) हरेक किसान मेहनती बने।

Note

भिन्नता वाचक विशेषण को संख्या वाचक विशेषण में शामिल कर दिया गया है।

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