
समास की परिभाषा और प्रकार
समास की उत्पत्ति – सम् (पास-पास) + आस (रखना/बैठाना)
समास का शाब्दिक अर्थ – संक्षिप / संक्षिप्त
समास की परिभाषा
दो या दो से अधिक शब्दों या पदों के परस्पर मेल की प्रक्रिया को समास कहा जाता है। जैसे- यथाशक्ति (यथा+शक्ति)
समास और समास-विग्रह – समासिक पद की शब्दों के साथ कारक चिन्ह लगाकर जब उन्हे अलग- अलग कर दिया जाता है, तो ऐसी प्रक्रिया समास-विग्रह के नाम से जानी जाती है। जैसे- यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार
समास के प्रकार
हिन्दी भाषा में समास के कुल 6 भेद होते है, लेकिन पदों की प्रधानता तथा अर्थ के आधार पर समास के 4 प्रकार होते है।
1. अव्ययीभाव समास की परिभाषा
जिस समासिक पद मे प्रथम पद अव्यय हो तथा उत्तर पद संज्ञा हो, तो वहाँ अव्ययीभाव समास होता है।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण
Note
(i) जिन पदों के शुरुआत मे ‘यथा’ शब्द अथवा अंत मे ‘पूर्वक’ शब्द जुड़ा रहता है, उनमें हमेशा अव्ययीभाव समास होता है। जैसे- यथासमय, यथारूप, ध्यानपूर्वक, सफलतापूर्वक आदि।
(ii) किसी समासिक पद मे अव्ययीभाव समास है या नहीं यह पहचानने के लिए उस समासिक पद को वाक्य मे क्रिया के साथ लगाने से सही-सही वाक्य बन जाता है, तो वहा अव्ययीभाव समास होता है अन्यथा नहीं होता है। जैसे- धीरे-धीरे (i) राजेश धीरे-धीरे चलता है। (ii) गाय धीरे-धीरे भागती है।

2. कर्मधारय समास की परिभाषा
जिस समासिक पद मे उपमेय-उपमान का भाव हो या विशेषण-विशेष्य का मेल हो, उसे कर्मधारय समास कहा जाता है।
उपमेय– जिसको उपमा दी जाती है।
उपमान– जिसकी उपमा दी जाये।
विशेषण– संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द।
विशेष्य– संज्ञा व सर्वनाम।
कर्मधारय समास के उदाहरण
Note
कु, सू, दुर, दुस, सल आदि उपसर्गों के योग से बनने वाले शब्दों में हमेशा कर्मधारय समास होता है।
3. तत्पुरुष समास की परिभाषा
जिस समासिक पद मे उत्तर पद प्रधान हो तथा प्रथम पद मे किसी न किसी कारक चिन्ह का लोप हो जाये, वहा तत्पुरुष समास होता है।
तत्पुरुष समास के उदाहरण –
4. द्विगु समास की परिभाषा
जिस समासिक पद मे प्रथम पद या उत्तर पद मे से कोई एक पद संख्यावाची हो तथा वह समस्त पद समूह/ समाहार का सूचक हो तो वहा द्विगु समास होता है।
द्विगु समास के उदाहरण –
5. द्वन्द्व समास की परिभाषा
जिस समासिक पद में दोनों ही पद प्रधान होते है तथा उनके बीच मे से ‘और’ या ‘का’ का लोप हो जाता है, वह द्वन्द्व समास होता है।
द्वन्द्व समास के उदाहरण –
6. बहुव्रीहि समास की परिभाषा
जिस समासिक पद मे प्रथम व उत्तर पद दोनों ही पद प्रधान न होकर कोई अन्य ही पद प्रधान होता है तथा वह समस्त पद किसी विशेष अर्थ का प्रतिपाक्ष करे तो वहा बहुव्रीहि समास होता है।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण –