
इस अध्याय में हमने क्रिया की परिभाषा (Kriya ki Paribhasha), क्रिया के प्रकार (Kriya ke Parkar) एवं उदाहरण (Kriya ke Udaharan) की विस्तृत चर्चा की हैं। हिन्दी व्याकरण और प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है।
क्रिया की परिभाषा
वाक्य में जिन शब्दों के द्वारा किसी कार्य का होना या करना पाया जाता है, उन्हें क्रिया कहते हैं। संस्कृत में क्रिया रूप को धातु कहा जाता है।
क्रिया के प्रकार
कर्म, प्रयोग एवं सरंचना के आधार पर क्रिया तीन प्रकार की होती हैं।
- कर्म के आधार पर
- प्रयोग तथा सरंचना के आधार पर
- काल या समय के आधार पर
कर्म के आधार पर क्रिया के प्रकार
कर्म के आधार पर क्रिया दो प्रकार की होती है।
- अकर्मक क्रिया
- सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया की परिभाषा
वाक्य में जिन क्रियाओं के साथ कर्म प्रयुक्त नहीं होता है तथा क्रिया का प्रभाव वाक्य के प्रयुक्त कर्ता पर पड़ता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण
- सुनिता हँसती है।
- कुत्ता भौंकता है।
- मनोज सोता है।
- बच्चा रोता है।
- बंदर बैठा है।
- सुरेश जाता है।
- सीता गाती है।
सकर्मक क्रिया की परिभाषा
वाक्य में जिन क्रियाओं के साथ कर्म प्रयुक्त होता है तथा क्रिया का प्रभाव वाक्य में प्रयुक्त कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है, उन्हे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
सकर्मक क्रिया के उदाहरण
- सुरेश गाँव जा रहा है।
- मधु खाना बना रही है।
- सुरेश दूध पी रहा है।
सकर्मक क्रिया के प्रकार
सकर्मक क्रिया दो प्रकार की होती है।
(अ) एक कर्मक क्रिया
वाक्य में जब क्रिया के साथ एक कर्म मौजूद होता है तो उसे एक कर्मक क्रिया कहते हैं।
उदाहरण
- सरोज खाना खा रही है।
- श्वेता भोजन कर रही है।
- कपिल शहर जा रहा है।
(ब) द्विकर्मक क्रिया
जब वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म मौजूद होते हैं तो उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।
उदाहरण – अध्यापक छात्रों को विज्ञान पढ़ा रहे हैं। (इस वाक्य में ‘पढ़ा रहे हैं’ क्रिया के साथ ‘छात्रों’ एवं ‘भूगोल’ दो कर्म प्रयुक्त हुए हैं। इसलिए ‘पढ़ा रहे हैं’ द्विकर्मक क्रिया है।)
प्रयोग तथा सरंचना के आधार पर क्रिया के प्रकार
इस आधार पर क्रिया के आठ प्रकार होते हैं।
(1) सामान्य क्रिया की परिभाषा
जब किसी वाक्य में एक ही क्रिया प्रयुक्त हुई हो, उसे सामान्य क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- गीता गाती है।
- महेंद्र खाता है।
- मोनिका गई।
- रमेश आया।
(2) संयुक्त क्रिया
जो क्रिया दो या दो से अधिक भिन्नार्थक क्रियाओं के मेल से बनती है, उसे संयुक्त क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- मनोज ने पुस्तक पढ़ लिया।
- किशोर ने खाना कहा लिया।
- किरण ने स्कूटर खरीद लिया।
(3) प्रेरणार्थक क्रिया
वाक्य में वे क्रियाएँ, जिन्हें कर्ता स्वंय न करके दूसरों को क्रिया करने के लिए प्रेरित करता है, उन क्रियाओं को प्रेरणार्थक क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- शीला बबीता से खाना बनवाती है।
- कमला सुरेश से पत्र लिखवाती है।
(4) पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा
जब वाक्य में दो क्रिया मौजूद हो तथा एक क्रिया दूसरी क्रिया से पहले पूर्ण हुई हो तो पहले पूर्ण होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है।
उदाहरण –
महेंद्र खाकर सो गया। (यहाँ सोने से पहले खाने का कार्य हो गया अतः खाकर क्रिया पूर्वकालिक क्रिया है)
नोट– किसी मूल धातु के साथ ‘कर’ या ‘करके’ लगाने से पूर्वकालिक क्रिया बनती है।
(5) नाम धातु क्रिया
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि से बनने वाले क्रिया पदों को नाम धातु क्रिया कहते हैं।
उदाहरण –
अपनाना, रंगना, गोदना, चमकाना, लजाना, रिझाना, गुदगुदाना, महकाना आदि।
(6) कृदन्त क्रिया की परिभाषा
क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यय लगने पर बनने वाले क्रिया पदों को कृदन्त क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- पढ़ से पढ़ना, पढ़ता, पढ़कर
- चल से चलना, चलता, चलकर
- लिख से लिखना, लिखता, लिखकर
- कर से करना, करता, करकर
- जा से जाना, जाता, जाकर
(7) सजातीय क्रिया की परिभाषा
जब वाक्य में क्रिया एवं कर्म एक ही धातु के बने हो तथा एकसाथ प्रयुक्त होते हो, सजातीय क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- भारत ने लड़ाई लड़ी।
- रमेश ने क्रिकेट खेला।
(8) सहायक क्रिया
वे पद जो वाक्य में मूल क्रिया की सहायता करते हैं, उन्हें सहायक क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- अरविन्द पढ़ता है (‘है’ सहायक क्रिया)।
- सुरेश ने अपनी पुस्तक मेज पर रख दी (‘दी’ सहायक क्रिया)।
समय या काल के अनुसार क्रिया का प्रकार
जिस काल में कोई क्रिया घटित होती है, उस काल के नाम के अनुसार क्रिया तीन प्रकार की होती है।
(1) भूत कालिक क्रिया
बीत चुके समय में कार्य के सम्पन्न होने का बोध हो तो उसे भूत कालिक क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- नितेश पुस्तक पढ़ रहा था।
- गरिमा चली गई।
(2) वर्तमान कालिक क्रिया
वर्तमान समय में कार्य के सम्पन्न होने का बोध हो तो उसे वर्तमान कालिक क्रिया कहते है।
उदाहरण –
- संजू पुस्तक पढ़ रही है।
- रोहित खेत जोत रहा है।
- चंचल गाना गाती है।
(3) भविष्य कालिक क्रिया की परिभाषा
भविष्य में आने वाले समय में कार्य का बोध करवाने वाली क्रिया भविष्य कालिक क्रिया कहलाती है।
उदाहरण –
- सुरेन्द्र कल जयपुर जायेगा।
- कमला कल खाना बनायेगी।
- श्याम कल दुकान खोलेगा।
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